हनुमान चालीसा की चौदहवीं चौपाई का हिंदी अर्थ
हनुमान कथा - बही खाता
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा ॥ 14 ॥
तुलसीदासजी यहाँ पर यह कहना चाहते हैं कि श्री हनुमानजी की प्रशंसा केवल भगवान राम ने ही नहीं की अपितु सृष्टि के ब्रम्हाजी द्वारा उत्पन्न मानस पुत्र सनकादिक मुनि भगवान के मन के अवतार श्री नारदजी तथा आदि शक्ति माता सरस्वती जी इत्यादि सभी हनुमानजी के गुणों का गुणगान करते हैं।