नकारात्मक टिप्पणी सुनते ही हम तुरंत नाराज़ हो जाते हैं। हमें भी कुछ कहने की इच्छा होती है। और कई बार तो हम ग़ुस्से में दूसरे को बहुत कुछ सुना भी देते हैं। मगर क्या नकारात्मक टिप्पणी का यह एकमात्र उपाय है? शायद थोड़े समय के लिए ऐसा करने से हमें तस्सली मिल भी जाएगी मगर हमें लम्बे समय के लिए ख़ुशी नहीं मिलेगी। फिर क्या जवाब देना उचित है? या फिर शांत रहना? चलिए आज इस प्रश्न का उत्तर खोजने का प्रयास करते हैं।
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