हनुमान चालीसा की तेरहवीं चौपाई का हिंदी अर्थ | हनुमान कथा भ्रम टूट गया
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ॥ 13 ॥
श्रीराम ने आपको यह कहकर हृदय से लगा लिया कि तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय है। जिस प्रकार भगवान श्रीराम और भगवान श्री कृष्ण ने अवतार लेकर इस सृष्टि में आकर इसकी महिमा बढायी। उसी प्रकार श्री हनुमानजी ने भक्ति की महिमा बढाई, इसीलिए ऐसे भगवान के परम भक्त के यश की सारा संसार प्रशंसा करता है।
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