हनुमान चालीसा की बीसवीं चौपाई का हिंदी अर्थ | हनुमान कथा - मैं राम बन जाऊँगी
FEB 15, 2021
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दुर्गम काज जगत के जेते ।

सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते  ॥ 20 ॥


संसार में जितने भी कठीन से कठीन काम हैं, वे सभी आपकी पासे सहज और सुलभ हो जाते हैं । प्रभु के उपर अटूट विश्वास, पुरुषार्थ और पराक्रम साथ में मिल जाएंगे तो कोई भी काम असंभव नही रह जाएगा, रघुराजा ने अपने बाहुबल से संपत्ति प्राप्त करके कौत्स को दी। एकलव्य ने बन में जाकर तप करते हुए स्वप्रयत्न से विद्या प्राप्त की । उसी प्रकार हनुमानजी ने भी प्रभु पर अटूट विश्वास रखते हुए अपने पुरुषार्थ से कठिन से कठिन काम को भी सहजता से कर दीया।


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