बिजूका या अंग्रेज़ी में स्केर-क्रो विश्व की संस्कृतियों में कई नामों से जाना जाता है। अभी इस लॉक्डाउन के दौरान फ़ोन पर बातचीत में पिताजी जो अभी गाँव में हैं उन्होंने गढ़वाल, उत्तराखंड में जंगली भालुओं, लंगूरों से फल, सब्ज़ी, अनाज़ बचाने के लिए डरौंण्या ( गढ़वाली में बिजूका का नाम) बनाया। इतिहास में भी बिजूका रोचक है उदाहरण के लिए जापानी किसानों ने अपने चावल के खेतों की रक्षा के लिए बिजूका बनाया। उन्होंने काकेशी नामक बिजूका बनाया, जिसका आकार लोगों की तरह था। उन्होंने एक रेनकोट और एक गोल पुआल टोपी में काकेशियों को कपड़े पहने और अक्सर धनुष और तीर जोड़े ताकि उन्हें अधिक खतरा दिखाई दे। वापस भारत में कर्नाटक के एक गाँव ने कुछ अनोखा किया। क्या किया चलिए सुनते हैं।
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