

04. श्री काकभुशुण्डि जी के द्वारा गरुण जी को श्रीराम जी की महिमा बताना एवं काकभुशुण्डि जी से मार्मिक प्रश्न करना और काकभुशुण्डि जी का श्री गरुण जी को अपने काक शरीर से प्रीति का कारण बताना।


ब्रह्मादि देवताओं के तेज से जगदम्बा का प्रादुर्भाव ।


03. काकभुशुण्डि जी के द्वारा श्री गरुण जी को अपनी पूर्वजन्म की बातें बताना। भगवान के द्वारा भक्ति और सेवक की प्रसंशा करना।


02. काकभुशुण्डि जी के द्वारा श्री गरुण जी को आपने पूर्व जीवन की कथा सुनाना। भगवान श्री राम से श्री काकभुशुण्डि को श्री राम जी से अपनी भक्ति का वरदान देकर श्री काकभुशुण्डि जी की श्री राम जी द्वारा प्रसंशा करना।


01. काकभुशुण्डि जी के द्वारा श्री गरुण जी को आपने पूर्व जीवन की कथा सुनाना। भगवान श्री राम के उदर में अनेक ब्राह्मण्ड के दर्शन की बात बताना।


काकभुशुण्डि जी के द्वारा गरूड़ जी भगवान श्री राम के रुचिरस्वरूप और बाललीला कहना।


01. गीतातत्त्वचिन्तन द्वादश अध्याय भक्तियोग स्वामी आत्मानंद महाराज द्वारा रामकृष्ण मिशन आश्रम रायपुर में श्रीमद्भगवद्गीता पर दिया गया प्रवचन। पाठक स्वामी सिद्धिप्रदानन्द महाराज।


03. भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा गोपियों के साथ की गई महारास लीला का विश्लेषण "श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार"


02. भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा गोपियों के साथ की गई महारास लीला का विश्लेषण "श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार"


01. भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा गोपियों के साथ की गई महारास लीला का विश्लेषण , "हनुमान प्रसाद पोद्दार के अनुसार।"


यह रासपंचाध्यायी का पांचवां अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण का गोपियों के साथ महारास कर गोपियों की मनोकामना पूर्ण करते हैं।


रासपंचाध्यायी का चतुर्थ अध्याय, रासलीला के मध्य भगवान श्रीकृष्ण का प्रकट होकर गोपियों को सांत्वना प्रदान करना


रासलीलायां गोपीगीतं, रासपंचाध्यायी का तृतीय अध्याय गोपियों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के विरह में प्रस्तुत गोपी गीत अत्यन्त मधुर और विरह कातर होकर उनके लीलाओं का गायन है।


संक्षिप्त श्री रामचरितमानस, 4-5 दोहे में काकभुशुण्डि के द्वारा श्री गरुण जी को सम्पूर्ण श्री राम चरित का बखान करना अर्थात सुनाना।


रासपंचाध्यायी का दूसरा अध्याय, रासलीला में भगवान के अन्तर्ध्यान हो जाने पर उनका अन्वेषण और उनके प्रमुख लीलाओं का गायन और अनुकरण।




भगवान श्री महादेव द्वारा देवी पार्वती को रामचरित सुनने की महिमा बताना ।


श्रीरामचन्द्र जी के गुण समूहों का नारद ऋषि के द्वारा प्रेम पूर्वक वर्णन।


श्रुति स्मृति और पुराणों की महिमा स्कन्द-पुराण के अनुसार।


जब भगवान श्री कृष्ण के द्वारा इन्द्र की पूजा बंद करा दी गई तो इन्द्र का कोप फिर भगवान कृष्ण के प्रभाव को देखकर इन्द्र के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति एवं क्षमा प्रार्थना।


मुनि वशिष्ठ जी का भगवान श्री राम से कथन कि उपरोहि कर्म अत्यन्त निन्दनीय है तथापि मैं श्री ब्रह्मा जी द्वारा यह बताने पर कि भविष्य में स्वयं भगवान आयेंगे तब मैंने रघुवंश में उपरोहित्य कर्म स्वीकार किया।


भगवान श्री राम जी के द्वारा नगर वासियों को उपदेश।


भगवान श्री राम जी के द्वारा अपने भाइयों को उपदेश ।


देवी पूजा विधि तथा नवरात्रि व्रत तथा फल श्रुति , यह मुनि सुमेधा ऋषि द्वारा राजा सुरथको बताया गया है।


भरतजी के प्रश्न के उत्तर में भगवान श्री राम द्वारा संत और असंत के लक्षण अपने भाइयों से कहना।


भगवान श्री राम के राज्याभिषेक के पश्चात् भगवान शिव द्वारा प्रभु श्री राम की स्तुति।


भगवान श्री राम जी के राज्याभिषेक के बाद वेदों के द्वारा भगवान श्री राम की स्तुति ।


रावण वध के पश्चात भगवान शिव जी द्वारा भगवान श्री राम जी की स्तुति।


रावण वध के पश्चात श्री ब्रह्मा जी द्वारा भगवान श्री राम जी की स्तुति। रामचरितमानस लंका काण्ड में


रावण वध के पश्चात इन्द्रादिक देवताओं द्वारा भगवान श्री राम जी की स्तुति और अमृत सिंचित कर श्री राम जी के सैनिकों को जीवित करना।