हनुमान चालीसा की उनतीसवीं चौपाई का हिंदी अर्थ
FEB 25, 2021
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चारों जुग प्रताप तुम्हारा ।

है परसिद्ध जगत उजियारा ॥ 29 ॥


हनुमानजी का यश चारों युग में फेला हुआ है तथा उनकी कीर्ति से सारा संसार प्रकाशमान हुआ है ।  जो कहने योग्य हो उसे कीर्ति कहते हैं । कीर्ति एक शक्ति है। प्रतिष्ठा कौन देगा ?  एक बात सच है, जिसे भगवान के हृदयमें प्रतिष्ठा मिली उसे विश्व में प्रतिष्ठा मिलती है। मन की विविध आवश्यकताएं हैं।  उनकी पूर्ति भक्ति से होगी, भगवान से होगी।  




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