Poetry Episode 44: 'मैं अपना किनारा भुलाये बैठी थी' Hindi Poetry by Chitra Roy
JUL 15, 2021
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जीवन में इस बात को समझना बहुत ज़रूरी होता है कि कौन हमारा अपना होता है और कौन पराया .... पल दो पल के रिश्ते में आप अपनी तक़दीर नहीं तलाश सकते... केवल कुछ पलों के लिए उस जगह पर अपनी तस्वीर देख सकते हैं। #chitraroy
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