Chitransh: The Shades Of Love

Chitra Roy

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Hello... I am Chitra Roy. I am working as a motivational speaker and author.
'Chitransh' is a collection of my poetries. In this podcast you can enjoy my beautiful poetries in hindi.
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78 episodes

Episod …69 श्री कृष्ण का वो सच जो आप नहीं जानते….

आपने कृष्ण के बारे जो सुना वो या कथावाचकों से सुना होगा या फिर टीवी सीरियल में देखा होगा लेकिन आज मैं आपको भगवान कृष्ण का वो सच बताने जा रही हूँ जो आजतक आपने नहीं सुना होगा..

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Sep 08, 2023
Hindi Poetry Episode…68..मैं तो रंग जाऊँ साँवरिया तेरे ही रंग में आज…

ये कविता या यू कह लें कि गीत जो मेरी स्वरचित है मेरे कान्हा को समर्पित है… जयश्री कृष्णा 🙏🙏

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Aug 23, 2023
Hindi poetry episode..67..जो तुम पास ना होते

जो तुम पास ना होते तो मेरे ये एहसास ना होते….

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Dec 17, 2022
Hindi poetry…Episode..66 मैं ही तो तेरी परछाई थी…..

मैं ही तो तेरी प्रारब्ध थी मैं ही तो तेरी परछाई थी……

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Dec 13, 2022
Episode..65 दृढ़ संकल्पों के नाम का दीपक

ज़िन्दगी को सही ढंग से चलाने के लिए सही रास्ते पर चलने की ज़रूरत पड़ती है, क्योंकि केवल चाहने से भाग्य नहीं बदलता है … कुछ संकल्पों को भी अपनाना पड़ता है।

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Nov 14, 2022
Episode no..64 अजब इश्क़ के ग़ज़ब नज़ारे है…

इस कविता में हर दिल के इश्क़ करने के बाद हुए हाल की दास्तान है…शब्दों में जिसे कोई बया करने में सक्षम ना हो… बस इश्क़ वही कमाल है।

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Nov 12, 2022
Episode 65 माँ ब्रह्मचारिणी की कथा🙏🙏

ब्रह्मचारिणी माँ को क्यों ब्रह्मचारिणी कहा जाता है..... सुनिए और समझिए 🙏🙏🙏

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Sep 28, 2022
Episode..63 श्रीमदभगवद्गीता के प्रथम अध्याय का आरंभ कब से हुआ था...

भगवद्गीता वो संजीवनी है जो मुरझाये हृदय को नये उद्देश्य प्राप्ति की ओर अग्रसर करके जीवन को नया आयाम प्रदान करती है।

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Sep 15, 2022
स्वार्थी लोगों से बचों....episode..62

अपनी भावनाओं और अपनी परिस्थितियों को किसी के भी सामने व्यक्त ना करे।

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Sep 07, 2022
Poetry Episode 61: दिलो को छूने की उड़ान... Hindi poetry by Chitra Roy

केवल अपने लिए ही नहीं कभी-कभी दूसरों के लिए भी कुछ करने की चाह होनी चाहिए....ऐसे ही भाव को समेटे हुए आज की कविता है।

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Jul 09, 2022
Poetry Episode 59: 'इसी का नाम मोहब्बत है' Hindi Poetry by Chitra Roy

कलम गर कुछ जो ऐसा लिख जाए जु़बा ग़र कुछ ऐसा कह जाए जिससे सुनने वाले के भाव सवर जाए..., कुछ बिखरते दिलों को भी शायद थोड़ा सहारा मिल जाए, #chitraroy #chitransh

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Mar 07, 2022
Poetry Episode 58: 'माँ तेरी जगह कोई ले नहीं सकता' Hindi Poetry by Chitra Roy

माँ तेरी जगह कोई ले नहीं सकता कोई लाख कुछ भी कह ले पर तेरे जैसा कोई हो नहीं सकता.... #chitransh #chitraroy

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Mar 04, 2022
Poetry Episode 60: 'अटूट दास्ताँ...' Hindi Poetry by Chitra Roy

बड़े मुद्दतों के बाद यें रात आयी है, माँ पार्वती के द्वारें भोलेनाथ की बारात आयी है, गवाह है ये सृष्टि की महाकाल के माथे प्रेम और सौन्दर्य की घटा छायी है...हर हर महादेव #shivratri #chitraroy

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Feb 28, 2022
Poetry Episode 57: 'कही सुनी बातें नहीं दोहराऊँगी' Hindi Poetry by Chitra Roy

कहीं सुनी बातें मैं नहीं दोहराऊँगी..किसी के साथ को ही...अपनी कमजोरी नहीं बताऊँगी...सुनने वालों को सिक्के का दूसरा पहलू भी समझाऊँगी.. #chitraroy #chitransh

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Feb 26, 2022
Poetry Episode 56: 'ज़िन्दगी कुछ ऐसे पल भी' Hindi Poetry by Chitra Roy

ज़िन्दगी कुछ ऐसे पल भी तेरे साथ मैं बिताऊँगी, तूने कभी सोचा ना हो ऐसी कहानी तुझे सुनाऊँगी... #chitraroy #chitransh

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Feb 23, 2022
Poetry Episode 55: 'स्पर्श की चाहत थी' Hindi Poetry by Chitra Roy

जो ज़ुबान से कही नहीं जाये पर नज़रों से बया करने से दिल मना भी ना कर पाये...इस कविता में हर दिल की चाहत का स्पर्श है । #chitraroy

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Dec 15, 2021
Poetry Episode 54: 'गौरवान्वित उपदेश हूँ' Hindi Poetry by Chitra Roy

इस कविता के माध्यम से मैंने हर एक नारी की आवाज़ बनने की कोशिश की है और नारी के व्यक्तित्व को सुदृढ़ता के प्रदर्शित किया है। #chitraroy

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Dec 10, 2021
Poetry Episode 53: 'दिल नि:शब्द हो गया है' Hindi Poetry by Chitra Roy

जब हम कुछ अपनाने के लिए बहुत ज़्यादा बेचैन रहते है तो यकिन मानिए वो हमशे उतना ही दूर चला जाता है लेकिन जब वो हलचल शान्त हो जाती है तो सबकुछ बिन चाहे ही मिल जाता है। #chitraroy

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Oct 30, 2021
Poetry Episode 52: 'पल भर बैठ कर' Hindi Poetry by Chitra Roy

जो ज़िन्दगी हम जी रहे है वही श्रेष्ठ है जितनी जल्दी हम इस बात को मान जाए वही उत्कृष्ट है क्योंकि कही हम ख़्वाहिशों के चक्कर में ज़रूरत को ही ना भूल जाए। #chitraroy

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Sep 16, 2021
Poetry Episode 51: 'जुड़ाव है तीनों रूपों का' Hindi Poetry by Chitra Roy

इस कविता में नारी के स्वरूप का मार्मिक चित्रण मिलता है जो स्वयं में ही बेमिसाल है। #chitraroy

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Sep 13, 2021
Poetry Episode 50: 'ना वो पहले वाली बात रही' Hindi Poetry by Chitra Roy

किसी भी रिश्ते में बंधने से पहले अगर कोई उस रिश्ते की अहमियत को समझ ले तो कोई कभी किसी रिश्ते को अपमानित नहीं करेगा चाहे लगाव हो या नहीं हो जीवन के किसी भी मोड़ पर आकर। #chitraroy

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Sep 01, 2021
Poetry Episode 49: 'बस इतना ही तो चाहती थी' Hindi Poetry by Chitra Roy

हमारे दिल में उठे चाहे कितनी भी हलचल पर तब तक उस बेचैनी का कोई मोल नहीं होता जब तक समझ न पाये वो दिल जिसके लिए दिल बड़ी ज़ोर धड़कता है। #chitraroy

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Aug 28, 2021
Poetry Episode 48: 'हट जाना ही बेहतर है' Hindi Poetry by Chitra Roy

किसी भी रिश्ते में बार-बार अपने आत्मसम्मान को ठोकर पहुँचाने से कही ज़्यादा अच्छा है वहाँ से प्रस्थान कर जाना। #chitraroy

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Aug 25, 2021
Poetry Episode 47: 'इस बार ये सावन कुछ ज़्यादा ही बरसने आया है' Hindi Poetry by Chitra Roy

सावन की बूँदों संग हर दिल में एक नया विश्वास जागेगा... हर बिखरा मन एक नये उम्मीद की ओर भागेगा। #chitraroy

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Aug 21, 2021
Poetry Episode 46: 'मुझे पहले वाले तुम याद आते हो' Hindi Poetry by Chitra Roy

जब मेरे दिल में यादों का दौर चलता है मुझे पहले वाले तुम याद आते हो.... ये कविता यादों के सफ़र को बया करती है। #chitraroy

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Aug 18, 2021
Poetry Episode 45: 'अनोखा रिश्ता' Hindi Poetry by Chitra Roy

अनोखे रिश्ते की हर बात निराली होती है। शब्दों से ना संवारा जा सकता है जिसको “यारी और दोस्ती” की बड़ी शान निराली होती है। #chitraroy

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Aug 13, 2021
Poetry Episode 44: 'मैं अपना किनारा भुलाये बैठी थी' Hindi Poetry by Chitra Roy

जीवन में इस बात को समझना बहुत ज़रूरी होता है कि कौन हमारा अपना होता है और कौन पराया .... पल दो पल के रिश्ते में आप अपनी तक़दीर नहीं तलाश सकते... केवल कुछ पलों के लिए उस जगह पर अपनी तस्वीर देख सकते हैं। #chitraroy

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Jul 15, 2021
Poetry Episode 43: 'मतलब का जुगाड़' Hindi Poetry by Chitra Roy

कुछ लोग जो अपने मतलब से ही हर रिश्ते को निभाते है.... कभी कुछ तो कभी कुछ कह कर अपने स्वार्थ को पूरा करते जाते है....इस कविता के माध्यम से मैंने कुछ ऐसे लोगों के भावनाओं को ही दर्शाया है जो अपने स्वार्थ के लिए शायद कुछ भी कर सकते हैं और कुछ भी बन सकते हैं। #chitraroy

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Jul 09, 2021
Poetry Episode 42: 'हर रंग से राग जुड़ा है' Hindi Poetry by Chitra Roy

हर रंग से राग जुड़ा है.......इस कविता मे मैंने हर भाव रूपी राग को तो दर्शाया है पर सभी भाव हमारे जीवन का हिस्सा नहीं बन सकते इस बात को बताया है।

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Jun 30, 2021