S2E5 | खराबी का आग़ाज़ कहा से हुआ यह बताना है मुश्किल- Azam Bahzad
OCT 19, 2021
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आज का ख्याल शायर आज़म बहज़ाद की कलम से । शायर कहते है -खराबी का कहा से हुआ यह बताना है मुश्किल, कहा ज़ख्म खाये कहा से हुए वार यह भी दिखाना है मुश्किल। आज़म बेहज़ाद ने 1972 में कविता लिखना शुरू किया और सबसे लोकप्रिय समकालीन कवियों रूप में उभरे। उन्हें आलोचकों और जनता द्वारा समान रूप से सराहा गया था। उनके उपन्यास और रूपकों के लिए उनकी बहुत सराहना की गई थी। इसके अलावा, उन्हें जनता द्वारा उनके 'तरन्नुम' के लिए भी पसंद किया जाता था और अक्सर मुशायरों में इसके लिए अनुरोध किया जाता था।
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