इंग्लैंड के एक छोटे से कसबे की शाम ढल चुकी थी और काफी अँधेरा हो गया था एक बूढी महिला अपनी बह
NOV 05, 2020
Description Community
About
यह कहानी है

इंग्लैंड के एक छोटे से कसबे की
शाम ढल चुकी थी और काफी अँधेरा हो गया था एक बूढी महिला अपनी बहुत ही महँगी कार के पास घबराई हुई सी खड़ी थी अत्यधिक ठण्ड होने की वजह से रास्ता सुनसान था वह अकेले में बहुत घबरा गयी थी वह लगभग 1 घंटे से वहां पर ठण्ड में खड़ी मदद का इन्तेजार कर रही थी और कोई भी वहां उसकी मदद के लिए नहीं रुक रहा था

तभी एक कार उसकी कर से कुछ दूर जा कर रुकी उसमे से एक व्यक्ति नीचे उतरा और उसकी तरफा आने लगा वह मन ही मन सोच रही थी क्या यह व्यक्ति मेरी मदद करेगा या या मुझे नुकसान पहुंचाएगा और मेरा सामन लूट लेगा

जब वह व्यक्ति पास पहुंचा उसने देखा एक बहुत ही समृद्धि बूढी महिला बहुत घबराई और सहमी हुई सी खड़ी है
उस व्यक्ति ने उस महिला से पुछा क्या कोई समस्या है मैडम

मेरा नाम पीटर एंडरसन है क्या मै आपकी कोई मदद कर सकता हूँ उस बूढी महिला ने बताया की वह लगभग 1 घंटे से वहां थी उसकी कार का टायर पंचर हो गया और उसे बदलना है

एंडरसन ने बोला कोई बात नहीं आप अपनी कार में बैठिये मै टायर बदल देता हूँ बहार ठण्ड बहुत है और एंडरसन कार का टायर बदलने लगा

महिला कार में अंदर तो बैठ गई पर कार की खडकी का सीसा नीचे करके उससे बात करती रही
टायर का nut टाइट करते हुए एंडरसन के उंगलियों में चोट भी लग गयी थी और उसके कपडे भी गंदे हो गए थे

टायर बदलने के बाद उसने महिला से कहा की अब वह अपने गंताव्ब्या तक आराम से जा सकती है इस काम के लिए बूढी महिला से आराम से एक अच्छी रकम ली ली जा सकती थी

महिला ने एंडरसन से पुछा की इस मदद के बदले उसे कितने पैसे देने हैं एंडरसन ने कहा की यह मेरे लिए कोई काम नहीं था वह केवल उसकी मदद करना चाहता था

परन्तु महिला उसे कुछ न कुछ देना चाहती थी तब एंडरसन ने कहा मुझे इसके बदले कुछ नहीं चाइये पर कभी भी यदि
Comments