उपदेश सार के छठे प्रवचन में पू स्वामी आत्मानन्द जी ग्रन्थ के ५वें से लेकर ७वें श्लोक पर प्रकाश डालते हैं। ये तीनों श्लोक पिछले श्लोक में बताई गयी तीनों साधनाओं का स्वरुप दिखाते हैं। अर्थात, पूजा क्या होती है, जप क्या है और कैसे होता है और ध्यान किसे कहते हैं।