Storytel Bolti Kitabein: बोलती किताबें...

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'बोलती किताबें' बुक्स और ऑडियो बुक्स के बारे में एक पोडकास्ट हैं जिसमें हम बतियाते हैं उन किताबों और क़िस्से कहानियों के बारे में जो आप स्टोरीटेल पर सुन सकते हैं, और उनके बारे में भी जो स्टोरीटेल पर अभी नहीं हैं. अगर आपको किताबें पसंद हैं और कहानियों का जादुई संसार आपको खींचता है तो बतकही का यह अड्डा समझिये आपके लिए ही है. 'बोलती किताबें' में कभी हम किताबों की रिव्यू करते हैं, कभी लेखकों और वायस आर्टिस्ट्स से गप्पें लगाते हैं, कभी आपको किसी ऑडियो बुक की झलक सुनवाते हैं यानि कुल मिलाकर पुस्तकप्रेमियों और कहानियाँ सुनने सुनाने वालों का एक ठिकाना है यह.

उम्मीद है आप भी इस गपशप में शामिल होंगे. अगर आप किसी ख़ास किताब के बारे में या किसी ख़ास लेखक या वायस आर्टिस्ट को 'बोलती किताबें' में सुनना चाहते हैं हमें ज़रूर बतायें.

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116 episodes

पहला एपिसोड: Tinderella in Jyotishland

नेहा चावला ने कई मेंढकों को चूमा है लेकिन कोई भी ऐसा नहीं है जो उनके प्रिंस चार्मिंग में बदल गया हो। उसके 27वें जन्मदिन पर जब उसका वर्तमान प्रेमी उसे छोड़ देता है, तो वह 3 महीने के फ्लैट में शादी करने का संकल्प लेती है!

39m
Dec 26, 2022
पहला एपिसोड: पिंजरा

पागलखाने में ले जाने के दौरान, दोषी बुधराम पुलिस के चंगुल से बच निकलता है। दूसरी ओर, अनन्या अपने ताजा घावों से उबर रही है जब पुलिस उसे बुद्ध के बारे में सूचित करती है।

36m
Dec 12, 2022
पहला एपिसोड: मार माया मार

8 साल बाद माया आखिरकार जसवंत को ढूंढ लेती है। केवल वह ही उस व्यक्ति की पहचान कर सकता है जिसने माया के परिवार को मार डाला और उसे वेश्यावृत्ति में धकेल दिया।

59m
Nov 28, 2022
पहला एपिसोड: रॉबिन

लालगढ़ का माफिया डॉन रॉबिन दुनिया में फाइनेंशियल क्राइसिस पैदा करना चाहता है. उसका प्लान है कि वह इस क्राइसिस में बड़े शेयर बाजारों पर कब्जा कर ले. लालगढ़ में भारत के कायदे-कानून से अलग रॉबिन की अलग सत्ता चलती है. बचपन से अपने पहचान के संकट से जूझते रॉबिन है आज का रावण. तो फिर रॉबिन की लंका को ध्वस्त करने वाला राम कौन और कहां है? सुनिए रॉबिन की कहानी में!

44m
Nov 14, 2022
पहला एपिसोड: अंधेरा

पवन अपनी ग़ायब बहन की तलाश करने का फ़ैसला लेता है. जानिए क्या होगा आगे!

3h 6m
Oct 24, 2022
पहला एपिसोड: छोटी दुर्गा

दुर्गा की वास्तविक शक्तियों को जानने के बाद, अश्वसुर अगले दिन सूर्यास्त से पहले उसे मारने की घोषणा करता है। अब क्या होगा? क्या दुर्गा अकेले ही राक्षसों के राजा से युद्ध कर पाएगी?

34m
Oct 10, 2022
पहला एपिसोड: ब्लैक स्टार

एक Swedish Plane लॉस एंजिल्स से स्टॉकहोम के रास्ते में डालारना में रहस्यमय ढंग से लापता हो जाता है. उस बोईंग प्लेन में 200 से अधिक यात्री सवार हैं. इस घटना से स्वीडन में हड़कंप मच जाता है. वहां के प्रशासन को लगता है कि इस घटना के पीछे किसी terrorist group का हाथ है. वे लोग इस घटना की तह तक जाने और गायब प्लेन को ढ़ूंढ़कर लाने के लिए National Space Board की मेंबर, थाना 'मोंटी', पूर्व-एजेंट, हेनरी जैगर, डॉ हेमैन और एक पुलिस ऑफिसर को डालारना प्रांत भेजते हैं. लेकिन उनका जेट प्लेन भी गायब हो जाता है. क्या है इन प्लेनों के गायब होने का राज? कौन कर रहा है साजिश? इसके पीछे वाकई कोई आतंकी संगठन है या फिर दूसरे ग्रह के लोग? क्या ये टीम अपने मिशन में कामयाब हो पायेगी? 

1h 40m
Sep 26, 2022
पहला एपिसोड: ये टेढ़ी मेरी यारी

अमित यह जानकर चौंक जाता है कि उसके बड़े भाई धनुष ने उसके लिए होने वाली दुल्हन चुन ली है। उसी दिन वह रिहर्सल में रोहित से मिलता है और उसके लिए तत्काल आकर्षण महसूस करता है। जब अमित के साथ समानांतर भूमिका करने वाला अभिनेता नहीं आता है, तो रोहित, जो अभिनेता बनने का सपना देखता है, अमित के साथ प्रॉक्सी करने की पेशकश करता है। क्या इससे पता चलेगा अमित का गुप्त राज?

57m
Sep 12, 2022
ऑडियोबुक रिव्यू : पीली छतरी वाली लड़की

पीली छतरी वाली लड़की, उदय प्रकाश का एक हिंदी उपन्यास है। इसमें एक युवक व एक युवती के बीच प्रेम की कहानी पेश की गई है, जिसके रास्ते में जाति व्यवस्था, सामाजिक मूल्य और उपभोक्ता संस्कृति रुकावटें हैं। लेकिन यह उपन्यास उससे कहीं परे तक सामाजिक-राजनीतिक विमर्श में दख़लंदाज़ी करता है। राहुल के दिल में प्यार आता है और यह प्यार विद्रोह नहीं, लेकिन दो स्तरों पर भीतरघात करता है। पहली बात कि राहुल का मर्दवादी रुख़, जिसका परिचय हमें शुरु में ही उसके कमरे में माधुरी दीक्षित के पोस्टर के प्रकरण से मिलता है, टूट-टूटकर चूर हो जाता है। बाद में दोनों का प्यार मनुवादी मान्यताओं पर आधारित और आज़ादी के बाद भारत की उपभोक्ता संस्कृति में पनपी मान्यताओं को अंदर से तोड़ने लगता है। अंत में पलायन- और यह पलायन भी भीतरघात है, समाज में प्रचलित मान्यताओं को स्पष्ट रूप से ठुकराना है। कहानी के आरंभ में बॉलीवुड है, अंत भी बॉलीवुड की तरह सुखान्त है। लेकिन समूचे विमर्श में बॉलीवूड के विपरीत स्पष्ट तात्पर्य है।

8m
Sep 05, 2022
पहला एपिसोड: जाँबाज़

जांबाज़ की कहानी आधारित है कश्मीर के आतंकवाद पर... समरप्रताप सिंह एक ज़िद्दी और जाँबाज़ आर्मी ऑफिसर है जिसका एक ही मिशन है कश्मीर को आतंकियों और आतंकवाद से मुक्त कराना. इस जंग में वो कई बार गंभीर रूप से घायल भी होता है लेकिन इससे उसके जुनून और हौसले में कोई कमी नहीं आती है. साथ ही है इसमें कुछ मुहब्बत के रंग, बेवफाई के दाग, थोड़ी हँसी और थोड़े आँसू...!

22m
Aug 29, 2022
ऑडियोबुक रिव्यू : एक चिथड़ा सुख

तुमने कभी उसे देखा है ?..... किसे ?.....दुख को... मैंने भी नहीं देखा, लेकिन जब तुम्हारी कज़िन यहाँ आती है, मैं उसे छिप कर देखती हूँ। वह यहाँ आकर अकेली बैठ जाती है। पता नहीं, क्या सोचती है और तब मुझे लगता है, शायद यह दुख है! निर्मल वर्मा ने इस उपन्यास में ‘दुख का मन’ परखना चाहा है- ऐसा दुख, जो ज़िन्दगी के चमत्कार और मृत्यु के रहस्य को उघाड़ता है...मध्यवर्गीय जीवन-स्थितियों के बीच उन्होंने बिट्टी, इरा, नित्ती भाई और डैरी के रूप में ऐसे पात्रों का सृजन किया है, जो अपनी-अपनी ज़िन्दगी के मर्मान्तक सूनेपन में जीते हुए पाठक की चेतना को बहुत गहरे तक झकझोरते हैं। पारस्परिक सम्बन्धों के बावजूद सबकी अपनी-अपनी दूरियाँ हैं, जिन्हें निर्मल वर्मा की क़लम के कलात्मक रचाव ने दिल्ली के पथ-चौराहों समेत प्रस्तुत किया है। शीर्षस्थ कथाकार निर्मल वर्मा की अविस्मरणीय कृति, जो रचनात्मक स्तर पर स्थूल यथार्थ की सीमाओं का अतिक्रमण करके जीवन-सत्य की नयी सम्भावनाओं को उजागर करती है।

11m
Aug 22, 2022
पहला एपिसोड: परमवीर चक्र

इस सीरीज़ में आप सुनेंगे परमवीर चक्र से सम्मानित हमारी सेना के इक्कीस शूरवीरों के उन आख़िरी लम्हों की दास्तान, जिसे देख और सुन कर दुनिया हैरान रह गयी थी.

16m
Aug 15, 2022
ऑडियोबुक रिव्यू : अंतिम अरण्य

अन्तिम अरण्य यह जानने के लिए भी पढ़ा जा सकता है कि बाहर से एक कालक्रम में बँधा होने पर भी उपन्यास की अन्दरूनी संरचना उस कालक्रम से निरूपित नहीं है। अन्तिम अरण्य का उपन्यास-रूप न केवल काल से निरूपित है, बल्कि वह स्वयं काल को दिक् में-स्पेस में-रूपान्तरित करता है। उनका फॉर्म स्मृति में से अपना आकार ग्रहण करता है- उस स्मृति से जो किसी कालक्रम से बँधी नहीं है, जिसमें सभी कुछ एक साथ है -अज्ञेय से शब्द उधार लेकर कहें तो जिसमें सभी चीज़ो का ‘क्रमहीन सहवर्तित्व’ है। यह ‘क्रमहीन सहवर्तित्व’ क्या काल को दिक् में बदल देना नहीं है?... यह प्राचीन भारतीय कथाशैली का एक नया रूपान्तर है। लगभग हर अध्याय अपने में एक स्वतन्त्र कहानी पढ़ने का अनुभव देता है और साथ ही उपन्यास की अन्दरूनी संरचना में वह अपने से पूर्व के अध्याय से निकलता और आगामी अध्याय को अपने में से निकालता दिखाई देता है। एक ऐसी संरचना जहाँ प्रत्येक स्मृति अपने में स्वायत्त भी है और एक स्मृतिलोक का हिस्सा भी। यह रूपान्तर औपचारिक नहीं है और सीधे पहचान में नहीं आता क्योंकि यहाँ किसी प्राचीन युक्ति का दोहराव नहीं है। भारतीय कालबोध-सभी कालों और भुवनों की समवर्तिता के बोध-के पीछे की भावदृष्टि यहाँ सक्रिय है।

10m
Aug 08, 2022
पहला एपिसोड: खोज़

नवंबर 2005, शिमला, गिरिजा की बेटी नर्मदा को लापता हुए दो साल हो चुके हैं. नर्मदा को खोजने की गिरिजा की अंतहीन खोज का कोई फायदा नहीं हुआ। वह 'राइजिंग-पॉइंट' के लिए अपना रास्ता बनाती है। एक ऐसा स्थान जो मां और बेटी दोनों के लिए विशेष महत्व रखता है। चारों ओर कोई गवाह न दिखाई देने के साथ, कोई कार नहीं गुजर रही है, और उसका मन यह सब खत्म करने के लिए तैयार है, वह एक खड़ी खड्ड में कूदने वाली है, जब अचानक उसे पता चलता है कि वह अकेली नहीं है। खून से लथपथ आँखों वाली एक रहस्यमयी आकृति उसकी ओर बढ़ रही है। यह व्यक्ति कौन है? वह क्या चाहता है?

53m
Jul 25, 2022
ऑडियोबुक रिव्यू : वैशाली की नगरवधू

वैशाली की नगरवधू' एक क्लासिक उपन्यास है जिसकी गणना हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में की जाती है। इस उपन्यास के संबंध में इसके लेखक आचार्य चतुरसेन जी ने कहा था: "मैं अब तक की अपनी सारी रचनाओं को रद्द करता हूं और 'वैशाली की नगरवधू को अपनी एकमात्र रचना घोषित करता हूँ।" 'वैशाली की नगरवधू' में आज से ढाई हज़ार वर्ष पूर्व के भारतीय जीवन का एक जीता-जागता चित्र अंकित हैं। उपन्यास का मुख्य चरित्र है-स्वाभिमान और दर्प की साक्षात् मूर्ति] लोक-सुन्दरी अम्बपाली] जिसे बलात् वेश्या घोषित कर दिया गया था, और जो आधी शताब्दी तक अपने युग के समस्त भारत के सम्पूर्ण राजनीतिक और सामाजिक जीवन का केन्द्र-बिन्दु बनी रही। उपन्यास में मानव-मन की कोमलतम भावनाओं का बड़ा हृदयहारी चित्रण हुआ है। यह श्रेष्ठ रचना अब अपने अभिवन रूप में प्रस्तुत है।

6m
Jul 18, 2022
पहला एपिसोड: ज़ुबिन

जुबिन को उसकी पत्नी जिया की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है। अयूब उससे पूछताछ करता है। जुबिन को पुख्ता सबूतों के अभाव में जमानत मिल गई है। इस बीच वह अपने साले जिमी को अपने घर के अंदर छुपा हुआ पाता है।

58m
Jul 11, 2022
ऑडियोबुक रिव्यू : चित्रलेखा

चित्रालेखा न केवल भगवतीचरण वर्मा को एक उपन्यासकार के रूप में प्रतिष्ठा दिलानेवाला पहला उपन्यास है बल्कि हिंदी के उन विरले उपन्यासों में भी गणनीय है, जिनकी लोकप्रियता बराबर काल की सीमा को लाँघती रही है। चित्रालेखा की कथा पाप और पुण्य की समस्या पर आधारित है। पाप क्या है ? उसका निवास कहाँ है ? -इन प्रश्नों का उत्तर खोजने के लिए महाप्रभु रत्नांबर के दो शिष्य, श्वेतांक और विशालदेव, क्रमशः सामंत बीजगुप्त और योगी कुमारगिरि की शरण में जाते हैं। इनके साथ रहते हुए श्वेतांक और विशालदेव नितांत भिन्न जीवनानुभवों से गुजरते हैं। और उनके निष्कर्षों पर महाप्रभु रत्नांबर की टिप्पणी है, संसार में पाप कुछ भी नहीं है, यह केवल मनुष्य के दृष्टिकोण की विषमता का दूसरा नाम है। हम न पाप करते हैं और न पुण्य करते हैं, हम केवल वह करते हैं जो हमें करना पड़ता है।

7m
Jul 04, 2022
पहला एपिसोड: गोल गट्टम

जादू अपने गांव की क्रिकेट टीम को बेहद से याद कर रहा है. साथ ही वो बड़े शहर और अपने नए अंग्रेजी माध्यम स्कूल में अपने नए जीवन के अनुकूल होने के लिए संघर्ष कर रहा है। एक दिन उसकी मुलाक़ात एक क्रिकेट टीम से होती है. लेकिन वे उसे अपनी टीम में स्वीकार करने से इनकार करते हैं। बेचारा जादू क्या करेगा?

27m
Jun 27, 2022
ऑडियोबुक रिव्यू : नीम का पेड़

राही मासूम रज़ा का क्लासिक उपन्यास जिस पर पंकज कपूर अभिनीत एक प्रसिद्ध टेलिविज़न धारावाहिक भी बना है, अब पहली बार ऑडियो में सुनिये. यह कथा है एक 'नौकर' बुधिया की और नीम के एक पेड़ की जो अपने और मुल्क की क़िस्मत के मालिकों को बदलते हुए देखते हैं.

6m
Jun 20, 2022
पहला एपिसोड: फँस गयी किन्नू

ये एक 10 साल की लड़की कीनू की कहानी है, जो स्वभाव से मासूम, बुद्धिमान, प्यारी और मजाकिया है। वह बहुत सारे सवाल पूछती है। उसकी दुनिया दो चीजों के इर्द-गिर्द घूमती है, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और उसके पिता। वह अपने पिता सैम की तरह बनना चाहती है। किनू अपने पिता द्वारा बनाए गए विभिन्न गैजेट्स पर हाथ आजमाती है लेकिन ऐसा करने पर वह हमेशा मुसीबत में पड़ जाती है।

28m
Jun 13, 2022
ऑडियोबुक रिव्यू : जूठन

आज़ादी के पाँच दशक पूरे होने और आधुनिकता के तमाम आयातित अथवा मौलिक रूपों को भीतर तक आत्मसात् कर चुकने के बावजूद आज भी हम कहीं-न-कहीं सवर्ण और अवर्ण के दायरों में बँटे हुए हैं। सिद्धान्तों और किताबी बहसों से बाहर, जीवन में हमें आज भी अनेक उदाहरण मिल जाएँगे, जिनमें हमारी जाति और वर्णगत असहिष्णुता स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है। ‘जूठन' ऐसे ही उदाहरणों की श्रृंखला है जिन्हें एक दलित व्यक्ति ने अपनी पूरी संवेदनशीलता के साथ ख़ुद भोगा है। इस आत्मकथा में लेखक ने स्वाभाविक ही अपने उस 'आत्म' की तलाश करने की कोशिश की है जिसे भारत का वर्ण-तंत्र सदियों से कुचलने का प्रयास करता रहा है, कभी परोक्ष रूप में, कभी प्रत्यक्षत:। इसलिए इस पुस्तक की पंक्तियों में पीड़ा भी है, असहायता भी है, आक्रोश और क्रोध भी और अपने आपको आदमी का दर्जा दिए जाने की सहज मानवीय इच्छा भी।

6m
Jun 05, 2022
पहला एपिसोड: डिटेक्टिव गिरि

गिरि लापता लेखक युवराज ठाकुर के मामले को सुलझाने के लिए कोसरी नामक एक छोटे से गाँव में पहुँचता है। आगे जो होता है उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी! जानिए क्या हुआ!

44m
May 23, 2022
ऑडियोबुक रिव्यू : गुनाहों का देवता

धर्मवीर भारती के इस उपन्यास का प्रकाशन और इसके प्रति पाठकों का अटूट सम्मोहन हिन्दी साहित्य-जगत् की एक बड़ी उपलब्धि बन गये हैं। दरअसल, यह उपन्यास हमारे समय में भारतीय भाषाओं की सबसे अधिक बिकने वाली लोकप्रिय साहित्यिक पुस्तकों में पहली पंक्ति में है। लाखों-लाख पाठकों के लिए प्रिय इस अनूठे उपन्यास की माँग आज भी वैसी ही बनी हुई है जैसी कि उसके प्रकाशन के प्रारम्भिक वर्षों में थी।–और इस सबका बड़ा कारण शायद एक समर्थ रचनाकार की कोई अव्यक्त पीड़ा और एकान्त आस्था है, जिसने इस उपन्यास को एक अद्वितीय कृति बना दिया है. मशहूर कवि और इस पीढ़ी के लिए हिंदी के मशाल बने डॉ. कुमार विश्वास की आवाज़ का जादू इस उपन्यास को नया आकाश देता है!

10m
May 16, 2022
पहला एपिसोड: बिहारी टाइगर्स

बिहारी टाइगर्स' एक ऐसी सीरीज़ जो आपको ले जाती है उन लड़कों की दुनिया में जो पढ़ाई करने का ध्येय लेकर कोटा शहर गये थे. मगर कोटा शहर में पढ़ाई के अलावा उन्होंने लगभग सब कुछ किया! सुनिए क्या है इन लड़कों की कहानी!

51m
May 09, 2022
ऑडियोबुक रिव्यू : अक्टूबर जंक्शन

चित्रा और सुदीप सच और सपने के बीच की छोटी-सी खाली जगह में ‍10 अक्टूबर 2010 को मिले और अगले 10 साल हर 10 अक्टूबर को मिलते रहे। एक साल में एक बार, बस। अक्टूबर जंक्शन के ‘दस दिन’ 10/अक्टूबर/ 2010 से लेकर 10/अक्टूबर/2020 तक दस साल में फैले हुए हैं। एक तरफ सुदीप है जिसने क्लास 12th के बाद पढ़ाई और घर दोनों छोड़ दिया था और मिलियनेयर बन गया। वहीं दूसरी तरफ चित्रा है, जो अपनी लिखी किताबों की पॉपुलैरिटी की बदौलत आजकल हर लिटरेचर फेस्टिवल की शान है। बड़े-से-बड़े कॉलेज और बड़ी-से-बड़ी पार्टी में उसके आने से ही रौनक होती है। हर रविवार उसका लेख अखबार में छपता है। उसके आर्टिकल पर सोशल मीडिया में तब तक बहस होती रहती है जब तक कि उसका अगला आर्टिकल नहीं छप जाता। हमारी दो जिंदगियाँ होती हैं। एक जो हम हर दिन जीते हैं। दूसरी जो हम हर दिन जीना चाहते हैं, अक्टूबर जंक्शन उस दूसरी ज़िंदगी की कहानी है। ‘अक्टूबर जंक्शन’ चित्रा और सुदीप की उसी दूसरी ज़िंदगी की कहानी है।

8m
May 02, 2022
पहला एपिसोड: काली रात

थ्रिलर और रोमांच से भरी एक शानदार कहानी है काली रात!

1h 0m
Apr 25, 2022
ऑडियोबुक रिव्यू: निठल्ले की डायरी

निट्ठले की डायरी यह हरिशंकर परसाई की एक व्यंगात्मक रचना हैं. जहाँ उन्होंने आनंद को भी व्यंग का साध्य न बननेकी कोशोश की हैं. स्थितियोंकि भीतर छिपी विसंगतियोंको प्रकट करने में कई बार अतिरंजना का आश्रय लिया हैं. लेकिन हमें दिल खोलकर हसने की बजाय थोड़ा गम्भीर होकर सोचने की अपेक्षा लेखकने की हैं

9m
Apr 18, 2022
पहला एपिसोड: राब्ता

मंदिरा का जीवन एक अनाथ के सपने के सच होने जैसा है - एक सुंदर मंगेतर जो उसे बेहद प्यार करता है, रहने के लिए एक नई सुंदर हवेली और वह सब कुछ जो वह चाहती है। लेकिन जैसे ही वह चंद्रताल में प्रवेश करती है, उसे महसूस होता है कि कुछ गड़बड़ है।

52m
Apr 11, 2022
ऑडियोबुक रिव्यू: बाग़ी बलिया

संजय को स्टूडेंट यूनियन का इलेक्शन जीतना है और रफ़ीक़ को उज़्मा का दिल। झुन्नू भइया के आशीर्वाद बिना कोई प्रत्याशी पिछले दस सालों से चुनाव नहीं जीता और झुन्नू भइया का आशीर्वाद संजय के साथ नहीं है। शहर की खोजी निगाहों के बीच ही रफ़ीक़ को उज़्मा से मिलना है और शहर प्रेमियों पर मेहरबान नहीं है। डॉक साब कौन हैं जो कहते हैं कि संजय मरहट्टा है और इस मरहट्टे का जन्म राज करने को नहीं राजनीति करने को हुआ है? शहर बलिया, जो देने पर आए तो तीनों लोक दान कर देता है और लेने पर उतारू हो तो... हँसते-हँसते रो देना चाहते हों तो सुनिए—बाग़ी बलिया...

8m
Apr 04, 2022
पहला एपिसोड: बाबली घोष ज़िंदा है

डिटेक्टिव बाबली घोष सबसे जटिल अपराधों को सुलझाने के लिए लगातार खुद को जीवन के लिए खतरनाक घटनाओं में डाल रही है।

47m
Mar 28, 2022