Kaviraj

Harish Benjwal

About

कविता। किस्से। कहानी। इतिहास। प्रसंग। गीत। संवाद। विवेचना।रुचि। यात्रा वृतांत और साक्षात्कार का अनूठा संग्रह।

कविराज पॉडकास्ट में आपका स्वागत है। यह पॉडकास्ट जीवन और अनुभवों के बारे में है, जिसे कविता, मज़ेदार तथ्य, कहानी और साक्षात्कार के माध्यम से सुनाया जाता है। मैं हूं आपका मेजबान हरीश बेंजवाल। मुझे आशा है कि आप इस पहल की सराहना करेंगे। कृपया मेरे साथ बने रहें। साथ चलें।

स्वागत है!

अस्वीकरण: कविराज चैनल में व्यक्त की गई राय वक्ताओं और प्रतिभागियों की व्यक्तिगत रायों में से एक है। जरूरी नहीं है कि वे कविराज पॉडकास्ट चैनल या एंकर की राय या विचारों को दर्शाते हों।

Available on

Community

70 episodes

अंदाज़ अपना अपना

बढ़ती उम्र में काम के चलते हम कई बार उस इंसान के लिए वक़्त नहीं निकाल पाते जो आप हैं। अपने पसंद के गीत, कविता, फ़िल्म, कहानी या किससे ज़रूर देखें, पढ़ें और सुने क्यूँकि आप बेमिसाल हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

28m
Jun 01, 2021
संकल्प इक्कीस

कविराज को सुनने वाले सभी श्रोताओं को नव वर्ष 2021 की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ. पिछला वर्ष हम सभी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा. लेकिन समय और मौसम सदा एक सा नहीं रहता वो बदलता है. आप ही की तरह मैंने भी नए साल का संकल्प या कहें ‘न्यू ईयर रेज़लूशन’ लिया है अमल कितना कर पाता हूँ ये देखने लायक रहेगा. ये पॉड्कैस्ट मैं सोते हुए बना रहा हूँ क्यूँकि ठंड अभी गई नहीं।😀 --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

7m
Jan 14, 2021
ओखला पक्षी अभयारण्य (O.B.S.)

ओखला पक्षी अभयारण्य (O.B.S.) का आकार लगभग 4 वर्ग किलोमीटर है और यह उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में NOIDA के प्रवेश द्वार पर स्थित है। यह एक ऐसे बिंदु पर स्थित है जहां यमुना नदी उत्तर प्रदेश राज्य में प्रवेश करती है और दिल्ली के क्षेत्र को छोड़ती है। यह राज्य के 15 पक्षी अभयारण्यों में से एक है। अभयारण्य में कांटेदार झाड़ी, घास के मैदान और आर्द्रभूमि की पक्षी प्रजातियों को देखा जाता है क्योंकि यह अद्वितीय स्थिति है। ओखला बैराज के निर्माण के कारण इस आर्द्रभूमि का गठन किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे वर्ष 1990 में अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया। यह अब भारत में 466 IBA (महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्रों) में से एक है। बिना किसी पूर्व योजना के हाल ही में मुझे यहां जाने का अवसर मिला. यह एपिसोड उसी का एक यात्रा वृतांत है. --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

17m
Jan 03, 2021
टिड्डी

सर्दियां लगभग आ चुकी हैं. शारीर कुछ अलसाया सा महसूस करने लगा है. देखी जाएगी वाले रवैय्ये से बचें।नींद लाने के लिए एक छोटी कहानी. पेश है टिड्डी। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

6m
Oct 31, 2020
वर्षगाँठ

आज मेरा जन्मदिन है। वर्षगाँठ, जन्मदिन, सालगिरह, बर्थ्डे। इस सफ़र में बहुत कुछ पाया है। बहुत कुछ करना अभी बाकी है। मन में जिज्ञासा उमड़ी तो पता चला औपचारिक रूप से जन्मदिन मनाना प्रचलन १ सेंचरी ए. डी. से आरम्भ हुआ। और हैपी बर्थ्डे वाला गीत १८५९ में लिखा गया और ये कॉपीरायट प्रोटेक्टेड था। जीवन में एक बार गोल्डन बर्थ्डे भी आता है. सबसे ज्यादा जन्मदिन अगस्त माह में आते हैं. व्यक्तिगत जीवन में जन्मदिन एक सामान्य दिन की तरह रहा। और क्या मायने हैं वर्षगाँठ के मेरे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में. चलिए सुनते हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

15m
Oct 07, 2020
हिंदी Medium

अपनी है। स्वदेशी है। लिपि भी है। भाव भी है। व्याकरण भी है। छोटा बड़ा कोई अक्षर नहीं। आधे शब्दों को भी जोड़कर रखती है हिंदी। तो फिर ग्लानि क्यूँ? शंका क्यूँ? कुंठा क्यूँ? बैर क्यूँ? हिंदी हैं हम वतन हैं हिन्दोस्ताँ हमारा। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

21m
Sep 16, 2020
३३१०

‘Basics’ या मूल ज़रूरतें को पूरा करते हुए वक़्त के साथ चलना और बदलना ज़रूरी है। बशर्ते उसमें सुकून की अनुभूति हो। संवाद के कई माध्यमों से रूबरू होने का जीवन में अनुभव मिला। पिता और दोस्तों को अंतर्देशीय पत्र से लेकर लोकल पी सी ओ बूथ पर पल्स रेट के दर पर बात करना और आख़िर में घर में मोबाइल फ़ोन का आना। चरणबद्ध सफ़र में हर चीज की अहमियत का पता चलता गया। नोकिया ३३१० ने परिवार की दूरी मिटा दी। भटकाव कम थे। टेक्नॉलजी वरदान का कथन सार्थक लगा। समय का ना तो अभाव था और ना शिकवा। इस वर्ष फ़िनलैंड की कम्पनी नोकिया के ३३१० मॉडल को फ़ोन को २० साल हो गए। आपका पहला मोबाइल फ़ोन कौन सा था? आपकी क्या स्मृतियाँ हैं? क्या आपको वह उपहार स्वरूप मिला? ज़रूर साझा करें। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

18m
Sep 11, 2020
शिक्षार्थ आइए-सेवार्थ जाइए !

यह पंक्ति प्रत्येक विद्यालय व कॉलेज के बाहरी द्वार पर लिखी होती है। इसे लिखने का उद्देश्य विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा का प्रयोग देश की सेवा के लिए करने हेतु प्रेरित करना है। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० इस संदर्भ में एक तर्कसंगत प्रयास है। दुर्भाग्य से ये कदम बहुत पहले उठा लेने चाहिए थे। शिक्षा को किसी भी रूप में थोपा जाना सही नहीं बल्कि छात्र की रुचि, बौधिक और शारीरिक क्षमता के अनुरूप होनी चाहिए। खेल के प्रति उत्साह रखने वाले को उस खेल से विमुख नहीं करना चाहिए। इसी प्रकार गीत, संगीत, नृत्य या अन्य कौशल में रुचि रखने वाले का सही मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन होना चाहिए। तभी देश में प्रतिभाएँ बिना किसी कुंठा के उभर पाएँगी। ये अनवांछित पढ़ाई का दबाव कई सपने उभरने नहीं देता है । #podcast https://www.instagram.com/explore/tags/podcast/ #hindipoems https://www.instagram.com/explore/tags/hindipoems/#podcastersofinstagram https://www.instagram.com/explore/tags/podcastersofinstagram/ #anchorfm https://www.instagram.com/explore/tags/anchorfm/#googlepodcasts https://www.instagram.com/explore/tags/googlepodcasts/ #podcastlife https://www.instagram.com/explore/tags/podcastlife/#spotifyindia https://www.instagram.com/explore/tags/spotifyindia/ #hindi https://www.instagram.com/explore/tags/hindi/ #indianpodcast https://www.instagram.com/explore/tags/indianpodcast/#indianpodcaster https://www.instagram.com/explore/tags/indianpodcaster/ #history https://www.instagram.com/explore/tags/history/ #kaviraj https://www.instagram.com/explore/tags/kaviraj/#indianpodcaster https://www.instagram.com/explore/tags/indianpodcaster/ #languages https://www.instagram.com/explore/tags/languages/#indianhistory https://www.instagram.com/explore/tags/indianhistory/ #hindipodcast https://www.instagram.com/explore/tags/hindipodcast/ #stories https://www.instagram.com/explore/tags/stories/#hindipodcast https://www.instagram.com/explore/tags/hindipodcast/ #podcaster https://www.instagram.com/explore/tags/podcaster/#podcastersofinstagram https://www.instagram.com/explore/tags/podcastersofinstagram/ #unesco https://www.instagram.com/explore/tags/unesco/#culture https://www.instagram.com/explore/tags/culture/ #oraltradition https://www.instagram.com/explore/tags/oraltradition/ #education https://www.instagram.com/explore/tags/education/#nationaleducationpolicy2020 https://www.instagram.com/explore/tags/nationaleducationpolicy2020/#shiksha https://www.instagram.com/explore/tags/shiksha/ #nep2020 https://www.instagram.com/explore/tags/nep2020/ --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

24m
Jul 31, 2020
मत्तूर ग्राम

मत्तूर ग्राम भारत का आख़िरी संस्कृत बोलने वाला ग्राम। एक ओर देश की एक फीसदी से कम आबादी का संस्कृत बोलना और दूसरी ओर गांव के सभी लोगों का संस्कृत बोलने के अलावा हर घर में एक इंजीनियर होनाभले ही आश्चर्य लगे, लेकिन यह सौ फीसदी सच है। मैं बात कर रहा हूं शिवमोग्गा जिले के मट्टूर गांव की। जिसे "संस्कृत गांव" के नाम भी जाना जाता है। इस गांव के हर घर में एक आईटी इंजीनियर है। विशेषज्ञों की मानें तो संस्कृत सीखने से गणित और तर्कशास्त्र का ज्ञान बढ़ता है और दोनों विषय बड़ी आसानी से समझ आ जातेहैं। यही कारण है कि गांव का युवाओं का रुझाने धीरे-धीरे आईटी इंजीनियरिंग की ओर हो गया और आज यहां घर-घर में इंजीनियर है। जानकारों का मानना है कि जप और वेदों के ज्ञान से स्मरण शक्ति बढ़ती है और ध्यान लगाने में मदद मिलती है। गांव के कई युवा एमबीबीएस या इंजीनियरिंग के लिए विदेश भी जाते हैं। यहां युवाओं का रुझान आईटी सेक्टर की ओर इस कदर है कि हर घर से एक आईटी इंजीनियर है। यहां के कई युवा इंजीनियर विदेशों में कार्यरतहैं। तुंगा नदी के किनारे बसे इस छोटे से गांव के लोग आम जीवन में संस्कृत का इस्तेमाल नहीं करते बल्कि इच्छुक व्यक्ति को संस्कृत सिखाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। वर्ष 2016 को मुझे इस गाँव में जाने का सौभाग्य मिला. #podcast #hindipoems#podcastersofinstagram #anchorfm#googlepodcasts #podcastlife#spotifyindia #hindi #indianpodcast#indianpodcaster #history#indianhistory #kaviraj#modernindianhistory#indianpodcaster #languages#indianhistory #hindipodcast #stories #hindipodcast #podcaster#podcastersofinstagram #unesco#culture #oraltradition #travelogue #sanskrit  --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

24m
Jul 06, 2020
भारतीय सिनेमा में रेल

अपने १८७ साल के गौरवपूर्ण इतिहास में भारतीय रेल भारत के हर नागरिक को कभी ना कभी अपनी सवारी ज़रूर करायी है। भारत के संदर्भ में रेलवे का आग़ाज़ बहुत शानदार रहा है। और लगभग हर छोटे बड़े, गरीब अमीर ने इसके माध्यम से ज़िंदगी का सफ़र तय किया है। रूपहले पर्दे यानी सिनेमा ने भी भारतीय रेल के साथ सफ़र किया है और किसी ना किसी फ़िल्म का हिस्सा भारतीय रेल ज़रूर होती है। रोमैन्स, रोमांच, ट्रैजेडी, मस्ती के बहुत सारे वो दृश्य आज भी रूपहले पर्दे के अहम हिस्सा हैं। आइये एक झलक़ भर देख लें सिनेमा मेँ भारतीय रेल को। स्वागत है! Gratitude: Ms. Sarla Chaudhary (Voice over artist and the familiar, popular female voice behind Indian Railways public announcement at Platforms across India) Music/Background Score credit:  Sholay theme music, Sholay Media and Entertainment Pvt. Ltd.  Sadma background music, Shemaroo Video Pvt. Ltd.  Mujhe apna yaar bana lo, Boyfriend, Naresh Saigal Films  Mere Sapnon ki Raani, Aradhana,  United Producers,  Shakti Films --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

46m
Jul 03, 2020
क्या ग़म है जो छुपा रहे हो?

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर घंटे एक छात्र आत्महत्या करता है, जिसमें हर दिन लगभग 28 आत्महत्याएं होती हैं। NCRB के आंकड़ों से पता चलता है कि 2018 में 10,159 छात्रों की आत्महत्या हुई, 2017 में 9,905 और 2016 में 9,478 छात्रों की वृद्धि हुई। इनमे बहुत बड़ा कारण डिप्रेशन या कहें अवसाद का रहा। डिप्रेशन से भागे नहीं ना ही डिप्रेस लोगों से दूरी बनाए बल्कि उनकी मदद करें। एक आम धारणा ये भी है की बच्चों को डिप्रेशन नहीं होता है जो एक मिथ्या है। इसी बात पर और प्रकाश डाल रही हैं डॉ. कृति व्यास जो दिल्ली स्थित एक बाल मनोविज्ञान विशेषज्ञ हैं।  डॉ. व्यास से आप निम्नलिखित माध्यमों से  संपर्क कर सकते हैं: Email: innocentsteps1212@gmail.com   Instagram Page: https://www.instagram.com/innocent.steps1212/ साभार: कवि गोपाल दास नीरज जी की कविता - 'जीवन नहीं मरा करता है' बहुत प्रासंगिक और प्रेरणादायक है जिसको मैंने इस एपिसोड में शामिल किया है। मैं रिकॉर्डिंग में उनका नाम लेना भूल गया जिसके लिए मुझे खेद है। Please do participate in following small Survey: Dear All We hope you are doing well. We are a group of researchers trying to understand the lifestyle changes in the light of the Corona Virus Pandemic. We would like to request you to take out a few minutes to fill the questionnaire. Kindly click on the link below to participate in the study.  https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeOdYQWNEk-to41zAF0NlnUTWF_gvpcuGEr3VeOdL6jgAfSDQ/viewform?usp=sf_link   Personal information provided would remain strictly confidential and anonymous. Participation is entirely voluntary, and at any point in the research, you can withdraw your participation. We are very grateful for your time and participation and would request you to forward this form to others you may know. For any further queries, please do not hesitate to contact us. Thank you!    Best Regards Dr. Kriti Vyas kritivyas8288@gmail.com --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

32m
Jun 23, 2020
प्लासी

२३ जून  हर साल आता है ये गर्मी को वो महीना है जिसमें हम आम का लुफ़्त उठाते हैं। सफ़ेदा, दसशेरी और बंगाल का माल्दा क़िस्म मुँह में पानी ला देती है। २३ जून को माल्दा आम खाते वक्त 263 वर्ष पहले लढ़ा गया प्लासी का युद्ध बरबस याद आ गया। तो सोचा स्मृति को और मज़बूत कर दूँ। आख़िर क्यूँ हुआ प्लासी का युद्ध इस धारा में बह कर समझते हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

17m
Jun 23, 2020
बोल दो

बड़ी बड़ी उलझनों की वजह हमेशा ही बहुत छोटी होती है। लॉकडाउन में हम लोगों का बाहर आना जाना लग भग बंद सा हो गया। ये एक अभूतपूर्व स्थिति है। घुटन में कभी ना रहें कभी नहीं। जो भी रहबर है आपका उससे ज़रूर बोलें। अवसाद को नज़रंदाज़ ना करें। मैंने अपने बचपन के दोस्त डॉ. मोनु शर्मा से बात करी जो वर्तमान में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, दिल्ली में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। वो जामिया में मनोविज्ञान विषय पढ़ाते हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

31m
Jun 18, 2020
दास्ताँ ए हिंदुस्तान

भारत के इतिहास को बदल कर रख देने वाली घटनाएँ बहुत जल्द --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

2m
Jun 15, 2020
आज़ादी

एक दौर था जब भारत का एकमात्र उद्देश्य अंग्रेजों से आज़ादी पाना था। एक विदेशी हुकूमत के अधीन खुद को ग़ुलाम मानना भारत की जनता को गवारा ना था। आज़ादी एक व्यक्ति विशेष के कारण नहीं मिली बल्कि इस यज्ञ में कई आहुतियाँ पड़ी। पंडित राम प्रसाद ‘बिसमिल’ उनमें से एक ऐसे महान कवि, शायर और क्रांतिकारी थे जो आज़ादी के लिए फाँसी झूल गए। उनके द्वारा गाया गया गीत - ‘सरफ़रोशी की तमन्ना’ आज भी सुनने मात्र से सिहरन पैदा करता है। आज़ादी के मायने कई प्रकार से बदल गए हैं। अब शत्रु और व्याधियाँ स्पष्ट ना हो कर जटिल हैं। कुछ इसी प्रकार की कुण्ठा मानसिक और वैचारिक तौर पर भी मौजूद हैं जिनका निवारण ज़रूरी है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

31m
Jun 12, 2020
H.M.T.

एचएमटी (हिंदुस्तान मशीन टूल्स) घड़ियों को 70, 80 और 90 के दशक में स्टाइल और स्टेटस सिंबल माना जाता था। वह उस वक्त के सामज़ की कलाई में बंधी हुई दिखती थीं। घड़ी की सुंदरता और उपयोगिता इसी बात से सिद्ध हो जाति थी कि यह भारत के स्वदेशी उत्पादों या मेड इन इंडिया उत्पाद में से एक था जिससे पहनने वाला गर्व की अनुभूति महसूस करता था। एचएमटी घड़ी ने भावनाओं को प्रतिध्वनित किया और विकास की दिशा में भारत की यात्रा को बढ़ाया। जनता, पायलट, रजत जैसे एचएमटी के मॉडल इतने लोकप्रिय थे कि मांग को पूरा करना मुश्किल होता था। लेकिन वर्तमान में इस घड़ी का उत्पादन में 2016  से बंद है और जल्द ही आने वाली पीढ़ी की स्मृति से गायब हो जाएगी। बस यही वह मौक़ा है जब देश के प्रधानमंत्री के आवाहन पर वोकल फ़ोर लोकल‘ पर ज़ोर दिया जा रहा है। भारत के पास साज़ों समान पड़ा हुआ है बस ज़रूरत है कुछ एस्थेटिक्स और रीसर्च एंड डिवेलप्मेंट की और फ़िर से एक नए कलेवर में एचएमटी को लॉंच करने की। रोज़गार के कई आयाम खुलेंगे ऐसा मेरा विश्वास है।  https://youtu.be/o5tz8FpXy2A --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

26m
Jun 09, 2020
हिसाब

इंसान का प्रकृति के साथ ये छीना झपटी उसको ही नुक़सान पहुँचा रही है और पहुँचाएगी। वो उस डाल को काट रहा है जिसमें स्वयं बैठा है। विज्ञान में शोध और कामयाबी से उसने अपने आप को सुरक्षित कर लिया ऐसा उसका मानना है। उसने संसार पर विजय प्राप्त कर लिया ऐसा उसका दावा है। उसके हिस्से का निवाला कोई और छीन ना ले उसने उसके लिए खेतों में बाड़ लगा दी। उसने ज़ाल बिछा दिए। उसने अपनी भूख़ के लिए अन्य जीवों का निवाला भी बड़ी मुस्तैदी के साथ छीन लिया। केरल में एक गर्भवती हथिनी के साथ जो मानवी कुकृत्य हुआ वह उस कड़ी का एक हिस्सा है। ब्रह्मा ने सृष्टि बनाते समय ये कल्पना शायद नहीं करी। संवेदना का साक्षरता से कोई वास्ता नहीं है यह वो आंतरिक मूल्य है जो इंसान अपने परिवेश में सीखता है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

15m
Jun 04, 2020
काला रंग

रंगभेद, नस्ल, गोरा बनाम काला ना केवल अमेरिका जैसे देश में विद्यमान रहा है बल्कि भारत जैसे विकासशील देश का अभिन्न अंग रहा है। भारत में उत्तर भारत बनाम दक्षिण भारत बनाम उत्तर पूर्व हमेशा से रहा। काला, नाटा, चिंक़ी, बिहारी, मद्रासी, चायनीज़ ये भेदभाव भीतर तक घर कर गया है। घर (मन) की सफ़ाई की सख़्त ज़रूरत है जिससे पहले हम ट्विटर पर विश्व चिंतक बनें।  Apartheid, Racism, Colourism, White vs Black and other inhuman discrimination have not only been historically  present in a country like America but has been an integral part of several developing countries inclusive of India. Within our backyards we  always had this North India vs South India vs North East and vice versa. Terms like Kaala, Naata, Chinki, Bihari, Madrasi, Chinese is an integral part of our local vocabulary; this discrimination has gone deep inside unnoticed. There is a dire need for housekeeping (mind) before we become universal thinkers on Twitter. --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

31m
Jun 02, 2020
मंथन

भारत विश्व का सबसे युवा देशों में से एक है। भारत की लगभग 35% जनसंख्या युवा है जो एक गर्व की बात है। भारत प्रतिभा के मामले में किसी भी देश से पीछे नहीं और विश्व की सबसे प्रतिष्ठित कंपनियों में भारतीय मूल्य के व्यक्तियों का दबदबा है। लेकिन इसी जनसंख्या में एक वर्ग ग़लत दिशा में चल पड़ा और हो-हल्ला में बढ़ता चला जा रहा है। ये वो खोखला युवा है जो सही ग़लत में फ़र्क़ नहीं समझ पा रहा और मिथ्या, सहजता और कोरी कल्पनाओं में अपनी ऊर्ज़ा, समय व्यर्थ कर रहा है। अगर सही समय में उन्हें मार्गदर्शन नहीं मिला तो भविष्य में समाज के लिए उनका ख़तरनाक होने में कोई दो राय नहीं। पॉडकास्ट में व्यक्त बातें मेरे व्यक्तिगत अनुभव से संबंधित हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

32m
May 28, 2020
बिजूका

बिजूका या अंग्रेज़ी में स्केर-क्रो विश्व की संस्कृतियों में कई नामों से जाना जाता है। अभी इस लॉक्डाउन के दौरान फ़ोन पर बातचीत में पिताजी जो अभी गाँव में हैं उन्होंने गढ़वाल, उत्तराखंड में जंगली भालुओं, लंगूरों से फल, सब्ज़ी, अनाज़ बचाने के लिए डरौंण्या ( गढ़वाली में बिजूका का नाम) बनाया। इतिहास में भी बिजूका रोचक है उदाहरण के लिए जापानी किसानों ने अपने चावल के खेतों की रक्षा के लिए बिजूका बनाया। उन्होंने काकेशी नामक बिजूका बनाया, जिसका आकार लोगों की तरह था। उन्होंने एक रेनकोट और एक गोल पुआल टोपी में काकेशियों को कपड़े पहने और अक्सर धनुष और तीर जोड़े ताकि उन्हें अधिक खतरा दिखाई दे। वापस भारत में कर्नाटक के एक गाँव ने कुछ अनोखा किया। क्या किया चलिए सुनते हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

23m
May 25, 2020
छल्ला

धुएँ का छल्ला बनाते हुए कोई ना कोई और कहीं ना कहीं दिख जाता है। इस तलब में लाचारी कम और “मेरे फ़ेफ़्ड़े- मेरी ज़िंदगी” वाला तंज मज़बूती के साथ दिखता है। भारत में सिगरेट पीने की शुरुआती उम्र 17 साल से 15 साल हो गयी। यानी लत ये ग़लत लग गयी। Song Courtesy: Rama Re Movie: Kaante Year: 2002 Copyright Owner: T-Series  --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

31m
May 21, 2020
कैमरा

कैमरा बहुत कुछ कहना चाहता था। लेकिन उसकी बात किसी ने नहीं सुनी। नाम उसका इस्तेमाल करने वाले का हुआ। वह तो बस मरोड़ा गया, लटकाया गया। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

13m
May 19, 2020
अनधिकार चेष्टा

वक़्त तो बिना लेबल के चलता रहता है। बदलता अगर कुछ है तो वह है रवैया। ज़रूरत इस बात की है की रवैया सटीक हो। और ये सटीकता आत्ममंथन से आती है। घर से बाहर और भ्रम की इस दुनिया में प्रभावित होने के लिए बहुत कुछ है। जितनी सरलता और सुगमता से वह प्रभाव उपलब्ध होगा आप उसमें बहते चले जाएँगे। हर्ष भी कुछ इसी प्रभाव की गिरफ्त में आ गया। अस्वीकरण: सभी पात्रों का नाम काल्पनिक है और किसी भी प्रकार की समानता मात्र एक संयोग होगा। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

20m
May 17, 2020
सात की कहानी

अंक सात मुझे लुभाता है। अपनी बनावट के लिए और अपनी आभा के लिए। मेरी जन्म तिथि भी सात है और जेम्ज़ बॉंड का नम्बर भी सात ही था। और कहाँ है सात का साथ चलिए सुनते हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

17m
May 15, 2020
थोड़ी धूप है सबका हिस्सा

दो शब्द किसी के प्रशंसा में बोलने से हमारी ना तो ज़ीभ घिसती है ना आयु कम होती है। व्यक्ति, समय, पद/औहदा और अवस्था कोई भी हो इस कला को सीखें और ईमानदारी से इसका प्रयोग प्रख़र और मौखिक़ हो कर करें क्यूँकि दुनिया में निन्दकों की तादाद बेतहाशा है और थोड़ी धूप है सबका हिस्सा। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

10m
May 14, 2020
मेडोज़ का भूत!

भूत होने का आभास एक ऐसी कल्पना है जिस पर विश्वास करना और ना कर पाना दोनों ही जो कुछ करे ना करे पर एक सिरहन ज़रूर पैदा कर देती है। और जब ऐसी घटना स्वयं के साथ हो तो क्या कहना! अस्वीकरण: सभी पात्रों का नाम काल्पनिक है और किसी भी प्रकार की समानता मात्र एक संयोग होगा। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

56m
May 12, 2020
खुशी का पिटारा

जीवन में ख़ुश रहना उतना मुश्किल नहीं जितने तरीके दुनिया ने बता दिया है। स्वयं के व्यवहार में थोड़ा बहुत बदलाव ख़ुशी पाने के लिए मददगार साबित होती है। पेश हैं दस ऐसे टिप्स जो मैंने अपने अनुभव से सीखें हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

31m
May 12, 2020
वास्ता

जिस संस्कृति में भाषा के साथ लिपि होती है उस संस्कृति का सुदृढ रहना चिरकाल तक संभव है। और जिस संस्कृति में भाषा के साथ लिपि नहीं है वहां लोगों का उस परंपरा से लगाव रहना लंबे समय तक रहना मेरे हिसाब से एक चुनौती है। रचनात्मक कार्यों के लिए एक भाषा लिखित रूप होना आवश्यक है। ये उस कड़ी का हिस्सा है जो एक दौर से दूसरे दौर तक जाती है। जब इंसान का वास्ता काम होता जाता है तब वह हर मूल्यों को ताक पर रखता जाता है और उसके भीतर वो संजीदगी शनै-शनै समाप्त होती जाती है। मेरे हिसाब से वर्तमान में अशांति का एक कारण यह भी है या अन्य शब्दों में कहें तो मूल्यों का पतन जिसकी एक वजह भाषा और लिपि का अभाव है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

21m
May 11, 2020
चावल का दाना

भूख के मायने व्यक्ति, स्थान और समय के अनुरूप बदलते हैं। कुछ लोग दिन भर चरने के बाद भी भूखे महसूस करते हैं। कुछ खाने के लिए जीते हैं और कुछ रिंकू की तरह होते हैं जिनकी कल्पनाओं में भूख कई दर्जे ऊपर बैठी रहती है जिसको बस आंखों से संतुष्ट किया जाता है। क्या मायने हैं अक्षय पात्र का रिंकू के लिए ये कहानी उसे बयां करती है।अस्वीकरण: कविराज चैनल में व्यक्त की गई राय वक्ताओं और प्रतिभागियों की व्यक्तिगत रायों में से एक है। जरूरी नहीं है कि वे कविराज पॉडकास्ट चैनल या एंकर की राय या विचारों को दर्शाते हों। सभी पात्रों का नाम काल्पनिक है और किसी भी प्रकार की समानता मात्र एक संयोग होगा। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

28m
May 11, 2020
स्क्रैच कॉर्ड

दिल्ली आए हुए उसे छह महीने हो गए। यहाँ वो सुरंग बना रहा था। गाँव में माँ बीमार थी।कुछ नहीं बना तो दिल्ली आ गया। दुकानदार के कहने पार उसने मोबाइल रीचार्ज करवाया फ़्रीडम प्लान वाला। दुकानदार ने उसे एक स्क्रैच कॉर्ड दिया लेकिन बाद में उसे फिर एक स्क्रैच कॉर्ड मिनी फ़्रीडम लेना पड़ा। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

18m
May 07, 2020